Saturday, December 10, 2011
Wednesday, October 19, 2011
PERSONALITY DEVELOPMENT
Smoking among college students
Tuesday, October 18, 2011
FIR
1) Complainant who is an aggrieved person or some body on his behalf. 2) By any person who is aware of the offence (a) as an eye witness and (b) as an hearsay account. 3) Provided the person in possession of the hearsay is required to subscribe his signautre to it and mention the source of his information so that it does not amount to irresponsible rumour. The rule of law is, if general law is broken any person has a right to complain whether he has suffered an injury or not. (a) By the accused himself. (b) By the SHO on his own knowledge or information even when a cognizable offence is committed in view of a officer incharge he can register a case himself and is not bound to take down in writing any information. Under the order of Magistrate uls 156 (3) Criminal Procedure code, when a complaint is forwarded to officer incharge without taking cognizance. If information is only hear say, then SHO should register case only if person in posses- sion of hearsay subscribes his signature to it and mentions the source of his information so that it does not amount to irresponsible rumour. The information must be definite, not vague, authentic, not baseless, gossip or rumour, clearly making out a cognizable case. 4) The information is only by a medical certificate or doctor's ruqqa about arrival of the injured, then he (SHO) should enter it in daily diary and go to hospital for recording detailed statement of injured |
TUBAL PREGNANCY
In an ectopic pregnancy, the fertilized egg attaches someplace other than the uterus most often in the fallopian tube. This is why it is called tubal pregnancy.
If the egg keeps growing in the fallopian tube, it will burst the tube and cause heavy bleeding that could be deadly.
CAUSE: Due to damage in the fallopian tube, the fertilized egg have trouble passing through the tube and implanted in the tube itself. It is due to smoking, pelvic inflammatory disease or surgery in the fallopian tubes.
KEY SIGNS: Pelvic pain sharp on one side and vaginal bleeding.
DIAGNOSIS: A pelvic exam to check the size of the uterus.
IF THERE IS AN ECTOPIC PREGNANCY, IT IS NECESSARY TO END IT BEFORE IT CAUSES DANGEROUS PROBLEMS.
Tuesday, October 4, 2011
दुःख व बंधन का कारणः वासना
दुःख व बंधन का कारणः वासना
(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से)
पूज्य मोटा के मित्र संत थे योगेश्वरजी महाराज। योगेवश्वर महाराज बालकेश्वर गाँव में सेनेटोरियम (स्वास्थ्य निवास) में रहने गये थे। वे कमरे में लेटे तो उन्हें बड़ी हावभाव वाली 30-32 साल की एक सुंदर स्त्री सामने खड़ी दिखाई दी। योगेश्वर महाराज साधन-सम्पन्न थे, डरे नहीं। उन्होंने उस स्त्री से पूछाः "तुम कौन हो ?"
वह बोलीः "आप आये हो तो मैंने यह खाट कर दी है। मैं इसी खाट पर रहती थी। मुझे यह कमरा और यह खाट बड़ी प्रिय है। प्रसूति करते-करते मेरी मौत हो गयी थी। अब मैं यहीं रहती हूँ।"
योगेश्वर महाराज समझ गये की यह प्रेतात्मा है।
"तुम क्या चाहती हो, क्या करती हो ?"
"बस यहीं रहती हूँ। लोगों को बीमार करती हूँ, मुझे मजा आता है।"
"ऐसा क्यों?"
"अकेले में क्या ! कुछ न कुछ करना होता है। मैं बीमार होकर मरी तो दूसरों को बीमार करने में मुझे रस आता है। अच्छा, मैं जाती हूँ। आपको बीमार नहीं करूँगी।"
बालकेश्वर गाँव में सेनेटोरियम के उस खण्ड में जो आये थे, रहे थे, वे सभी एक-एक करके बीमार हुए थे।
लंगर लगा है तो नाव बँधी रह जायेगी
रामकृष्ण परमहंस गोपाल की माँ के घर गये थे। साथ में राखाल नाम का सेवक था। जिस कमरे में रामकृष्ण आराम कर रहे थे, राखाल ने देखा कि ठाकुर वहाँ किसी से बात कर रहे हैं। दोपहर का समय था। ठाकुर अचानक उठकर बाहर जाने लगे।
राखाल ने पूछाः "ठाकुर ! तुम अपना बिछौना लेकर बाहर क्यों जा रहे हो ?"
"यहाँ जो रहते थे, वे मेरे कारण दुःख पा रहे हैं। इस घर में प्रेत रहते हैं। वे बोलते हैं कि तुम्हारे कारण हम धूप में भटक रहे हैं।"
मैंने कहाः "मेरे कारण तुम लोग धूप में मत भटको। मैं जा रहा हूँ।"
सेवक ने कहाः "तुम्हारे जैसे संत के दर्शन करने के बाद भी भूत अपनी दुर्गति से पार नहीं होते ?"
"समय पाकर होंगे। अभी तो उन्हें इस कमरे में रहने की वासना पकड़ के बैठी है।
राखाल ! चाहे कोई भी किसी को मिल जाये लेकिन अपनी वासना जब तक जीव बदलेगा नहीं, छोड़ेगा नहीं, तब तक उसकी वास्तविक उन्नति नहीं होगी। जैसे नाव कितनी भी जोर से चलाओ लेकिन लंगर लगा है तो नाव बँधी रह जायेगी, आगे नहीं बढ़ेगी।"
कौन किससे बँधा है ?
सूफी संत जुनैद जा रहे थे अपने शागिर्दों के साथ। एकाएक रूक गये। एक गाय को घसीटकर ले जा रहा था उसका कहलाने वाला गोपाल।
जुनैद ने कहाः "देखो, यहाँ कौन किससे बँधा है ?"
मूर्ख सेवकों ने कहा कि 'गाय ग्वाले की रस्सी से बँधी है, खिंची चली जा रही है।'
ग्वाला पहचानवाला था। जुनैद ने चाकू निकाला और रस्सी काट दी। गाय पीछे भाग गयी और ग्वाला उसके पीछे भागा लेकिन गाय आगे निकल गयी। गायवाला रूष्ट होकर कहता हैः "यह तुमने क्या मजाक किया ! मेरी गाय की रस्सी काट दी, अब वह हाथ नहीं आयेगी।"
जुनैद ने अपने सेवकों को कहाः "अब कौन किससे बँधा है ? गाय खुल गयी तो गाय इसके पीछे नहीं गयी, यह गाय के पीछे गया। बताओ कौन बँधा है ?"
सेवक बोलेः "अभी पता चला कि यह बँधा है।"
ऐसे ही संसारी वस्तुओं के पीछे तुम भागते हो तो तुम बँधे हो। अपने-आपमें बैठना सीखो। अपने-आपमें प्रसन्न होकर, तृप्त हो के, अपने आत्मचैतन्य स्वभाव में स्थित होकर संसार में जियो, फिर संसार की चीजें तुम्हारे इर्दगिर्द मँडरायेगी।
कहीं अपने को ही धोखा तो नहीं दे रहे हैं ?
ससुर ने दामाद को कहा कि "मैं जा रहा हूँ विदेश। तू आर्किटेक्ट (भवन-निर्माता) है। यह ले चेकबुक। अच्छा सा मकान बना। जल्दी बनाना, मैं आऊँ तो मकान तैयार हो। सुंदर बनाना, पैसे की कमी नहीं है।"
ससुरजी जब विदेश की यात्रा से लौटे तो उसने हलका माल डालकर, हलका सीमेंट, कंक्रीट.... ये-वो करके बढ़िया रंग-रोगन से एक कोठी, एक बँगला तैयार रखा। हवाई अड्डे से ससुर जी को ले आया।
"मकान तैयार है ?"
"बिलकुल तैयार है। यह उसकी चाबी है।"
"आज नहीं, कल। जो तुम्हारी पत्नी है, मेरी बेटी है, कल उसका जन्मदिवस है। कल उस कोठी को देखने चलेंगे। मेरी बेटी को भी ले आना।"
कोठी देखी, रंग रोगन देखा, ससुर बड़ा प्रसन्न हुआ। जमाई से सब चाबियाँ लेकर बेटी की तरफ लक्ष्य करते हुए जमाई को दीं।
"यह मकान मेरी पुत्री के जन्मदिवस पर मैं तुम्हें अर्पण करता हूँ।"
जमाई पछताया कि 'अरे, जो मुझे मिलने वाली चीज थी उसमें मैंने ऐसा हलका, तुच्छ रोड़ी-सामान डाल दिया ! मैंने बेईमानी करके मेरे को ही धोखा दिया।'
हे जीव ! जो तू करता है, जो तू देता है, घूम फिर के तुझे ही मिलता है, इसलिए तू देने में, सेवा करने में, प्रेम देने में, प्रभुस्नेह करने में कंजूसी मत कर, नकली भाव मत ला। तू असली प्रीति कर।
मुझे वेद पुरान कुरान से क्या !
मुझे सत्य का पाठ पढ़ा दे कोई।
प्रभुप्रीति का पाठ पढ़ा दे कोई।
मुझे मंदिर मस्जिद जाना नहीं,
मुझे आत्म-मंदिर में पहुँचा दे कोई।।
ऐसे गुरु मिल जायें बस।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, अगस्त 2011, पृष्ठ संख्या 18,19 अंक 224
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Sunday, October 2, 2011
RESEARCH METHODOLOGY
RESEARCH METHODOLOGY
· MEANING OF RESEARCH :
“A Careful investigation or inquiry Specially through search for new facts in any branch of Knowledge”.
· RESEARCH DESIGN :
A research design is the arrangement of condition for collection and analysis of data in a manner that to combine relevance to the research purpose with economy in procedure. It constitutes the blue print for the collection, measurement and the analysis of the data. Decisions regarding what, when, where, how much, by what, concerning an inquiry or a research study constitutes a research design. A research design is the arrangement of condition for collection and analysis of data in a manner that aims to combine relevance to the research purpose with economy in procedure.
Research designs needed because it facilitates the smooth sailing of the various research operations thereby making research as efficient as possible yielding maximal information with minimal expenditure of effort, time, and money.
There are many kinds of research design namely exploratory, diagnostic, descriptive, hypothesis testing etc., but in this study descriptive research design is used.
DESCRIPTIVE RESEARCH:
Descriptive research studies are those studies, which are concerned with describing the characteristics of a particular individual, or of a group it is also includes surveys and fact-findings enquire of different kinds. The major purpose of descriptive research is description of the state of affairs, as it exists at present. The main characteristics of ex-post facto method are that researcher has no control over the variables; he can only report what has happened or what is happening.
· DATA COLLECTION METHOD:
Data collected for the study is mainly from the following two important sources such as:-
1. Primary data sources
2. Secondary data sources
Primary data sources
The primary data are those which are collected a fresh for the first time and happens to be original in character. Generally primary data collected through surreys, with well defined structured questionnaire.
Secondary Data sources
Secondary data are those which have already collected by the organization and which already have been processed. Secondary data is collected by the organization and it is used for various departments for their need. The process of secondary data collection and analysis is called desk research.
TOOLS FOR DATA COLLECTION:
PRIMARY TOOLS:
· Questionnaire
· Observation
· Interview
Questionnaire:
The questionnaire must be definite, concrete and pre-determined questions. The questions are presented with exactly the same wording and in the same order to all respondents. The form of the question may be either closed (i.e., of the type ‘yes’ or ‘no’) or open (i.e., inviting free response)
Observation:
The Observation method is the most commonly used method specially in studies relating to behavioual sciences. Under the observation method,the information is sought by way of investigator’s own direct observation without asking from the respondent.
Interview:
The interview method of collecting data involves presentation of oral-verbal stimuli and reply in terms of oral-verbal responses. This method can be used through personal interviews and if possible through telephone interviews.
Ø SECONDARY TOOLS:
§ Books
§ Magazines
§ Newspapers
§ Websites
§ Journal
· SCALES USED IN QUESTIONNAIRE:
Ø DICHOTOMOUS SCALES
Ø RATING SCALES
Ø SUMMATED SCALES (OR) LIKERT SCALES
Ø MULTIPLE CHOICE
Ø OPEN ENDED
Ø CLOSED ENDED
Dichotomous scale:
When a question has two possible responses, we consider it dichotomous. Surveys often use dichotomous questions that ask for a Yes/No, True/False or Agree/Disagree response.
Rating scale:
The rating scale involves qualitative description of a limited number of aspects of a thing or of traits of a person. When we use rating scales(or categorical scales), we judge an object in absolute teams against some specified criteria i.e., we judge properties of objects without reference to other similar objects.
Summated Scales (or) likert-type Scales :
The summated scales are developed by utilizing the item analysis approaches wherein a particular item is evaluated on the basis of how well it discriminates between those persons whose total score is high and those score is low.
Multiple Choice :
Multiple choice is a form of assessment in which respondents are asked to select the best possible answer (or answers) out of the choices from a list. The multiple choice format is most frequently used in educational testing.
Open ended: